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संस्कृति और विरासत

ऐतिहासिक दृष्टि से यहाँ का दनकौर, बिसरख, रामपुर जागीर व नलगढ़ा गाँव कई स्मृतियाँ संजोये हुए है। दनकौर में द्रोणाचार्य तथा बिसरख में रावण के पिता विश्वेश्रवा ऋषि का प्राचीन मन्दिर आज भी स्थित है। ग्रेटर नोएडा स्थित रामपुर जागीर गाँव में स्वतन्त्रता संग्राम के दौरान सन् १९१९ में मैनपुरी षड्यन्त्र करके फरार हुए सुप्रसिद्ध क्रान्तिकारी राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ भूमिगत होकर कुछ समय के लिये रहे थे और यहाँ के गूजरों के जानवर चराते हुए पुस्तकों का अनुवाद किया था। नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे के किनारे स्थित नलगढ़ा गाँव में भगत सिंह ने भूमिगत रहते हुए कई बम-परीक्षण किये थे। वहाँ आज भी एक बहुत बड़ा पत्थर सुरक्षित रखा हुआ है।
पूर्व में ब्रिटिश शासन के दौरान ११ सितम्बर १८०३ को ब्रिटिश आर्मी व मराठों की सेना के बीच हुए निर्णायक युद्ध के स्मारक के रूप में नोएडा के गोल्फ कोर्स परिसर के अन्दर ब्रिटिश जनरल गेरार्ड लेक की स्मृति को दर्शाता अंग्रेज वास्तुविद एफ़. लिस्मन द्वारा बनाया हुआ “जीतगढ़ स्तम्भ” आज भी दूर से ही दिखायी देता है।